रक्त का परिचय
क्या आप रक्त या खून के बारे मे जानते नहीं तो आइये रक्त के बारे मे हम अपनी पढ़ाई शुरू करते है।
रक्त जांच करने की प्रक्रिया
रक्त में होता क्या है। कई बार जब कोई बहुत ज्यादा बीमार होता है तो डॉक्टर उन्हें खून की जांच कराने की सलाह देते है।
क्या तुमने कभी देखा है कि जांच के लिए खून किस तरह लिया जाता है। चलिए देखते हे कि रक्त की जाँच किस प्रकार होती हैं ।
ये बहुत साधारण सी प्रक्रिया है और एक सुई चुभोने होने से ज्यादा इसमें कोई दर्द नहीं होता।
इसके बाद रक्त को एक जांच के लिए एक परखनली में रखा जाता है और इसे सेंट्रीफ्यूज मशीन में रखते हैं।
ये मशीन परखनली को काफी तेजी से घूमती है जिससे रक्त के सभी अव्य अलग अलग हो जाते हैं।
रक्त मे क्या पाया जाता है
रक्त चार मुख्य अव्य प्लाज्मा, प्लेटलेट, श्वेत यानी सफेद रक्त कणिकाएं और लाल रक्त कणिकाओं से मिलकर बना होता है। तुम यहां तीन अलग अलग सतह देख सकते हो-
प्लाज्मा (Plasma)
सबसे ऊपर हल्के पीले रंग का द्रव प्लाज्मा कहलाता है। जिसमें मुख्यतः पानी होता है लेकिन इसमें अलग अलग तरह के प्रोटीन शर्करा लवण और हमारे शरीर के लिए आवश्यक अन्य पोषक पदार्थ घुले रहते हैं।
सफेद रक्त कणिकाएं (WBC)
छोटी सफेद सतह पर श्वेत यानि सफेद रक्त कणिकाएं होती हैं। यह श्वेत रक्त कणिकाएं एक सिपाही की तरह काम करती हैं और हमारे शरीर में आकर हमें बीमार करने वाले बाहरी अवयवों से लड़ती हैं।
प्लेटलेट्स (Platelete)
खून का बहाव रोकने के लिए प्लेटलेट्स खून के थक्के जमा देती हैं।
लाल रक्त कणिकाएं (RBC)
अंत में लाल रक्त कणिकाओं को लिए हुए लाल भाग को आप देख सकते हैं। इनमें अव्य हीमोग्लोबिन पाया जाता है। हीमोग्लोबिन में आयरन या लौह होता है।
खून को फेफड़ों से होकर बहने के दौरान हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को सोख लेता है और शरीर के जिन न भागों और मांसपेशियों में जहां ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत है ये उसे वहां ले जाकर मुक्त कर देता है।
खून की कमी का पता
जब हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो हमारी नब्ज देखते हैं। हमारी आँखों में देखकर हमें मुंह खोलकर आ करने को कहते हैं और हमारे जीब का निरीक्षण करते हैं।
पर कभी सोचा है कि वो ऐसा करते क्यों हें। वे हमारे दिल की धड़कन बताती है कि हमारा दिल शरीर के सभी भागों को सुचारू रूप से रक्त पंप कर रहा है।
हृदय एक मिनिट में कितनी बार धड़कता है?
तुम रक्त का पंप होना महसूस भी कर सकते हो। स्टेथोस्कोप की सहायता से इसे सुनते हो तो तुम्हे पता चलता है की
मां के गर्भ में शिशु के दिल की धड़कन 140 बीट प्रति मिनट तक होती है।
किसी नन्हे बच्चे के दिल की धड़कन उससे कुछ धीमी यानि 110 बीट प्रति मिनट होती है।
जैसे जैसे तुम बड़े होते जाते हो और तुम्हारे दिल की धड़कन या सामान्य हृदय गति धीमी होती जाती है।
आराम की स्थिति में स्कूली बच्चों की सामान्य हृदय गति की दर 70 से 110 बीट प्रति मिनट होती है। और आराम के दौरान वयस्कों यानी बड़े लोगों की हृदय गति की दर 60 बीट प्रति मिनट होती है।
जब तुम व्यायाम करते हो या काफी उत्तेजित होते हो तो उस दौरान तुम्हारा दिल बहुत तेजी से रक्त को पंप करता है और तुम्हारे हृदय गति बढ़ जाती है।
जब कभी तुम बीमार होती हूं तो उस दौरान हृदय बहुत तेजी से धड़कता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दोनों ही स्थितियों में यानि व्यायाम और कुछ बीमारियों में आपके शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है और खून का तेजी से प्रवाह आपके शरीर को ठंडा रखने में सहायता करता है।
खून की कमी को कैसे पहचानते है?
हमारी आँखे भी हमारे शरीर में रक्त के बारे में बहुत कुछ कहती हैं। अगर किसी मरीज़ की आँखों का अंदरूनी भाग फीका दिखाई देता है और जीभ का रंग भी फीका है
तो इसका मतलब यह है कि या तो उसके शरीर में रक्त जरूरत से कम है या उसके शरीर में लोहे की आवश्यक मात्रा से कम मात्रा मौजूद है और ऐसी स्थिति में डॉक्टर या तो मरीज को आयरन यानी लौह की टैब्लेट लेने या अधिक से अधिक हरी सब्जियां जिनमें आयरन या लौह की मात्रा काफी अधिक होती है उनका सेवन करने की सलाह देते हैं।
प्रश्न.1 प्लाज्मा क्या है इसका उत्तर?
उत्तर.प्लाज्मा में मुख्यतः पानी होता है लेकिन इसमें अलग अलग तरह के प्रोटीन शर्करा लवण और हमारे शरीर के लिए आवश्यक अन्य पोषक पदार्थ घुले रहते हैं।
प्रश्न.2 मनुष्य में लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं का अनुपात क्या है?
उत्तर. मनुष्य में लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं का अनुपात 600:1 होता है।
प्रश्न.3 heart beats normal kitni bar dhadkati h
उत्तर. heart beats normal 70 se110 bar dhadkati h
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